Gomti Riverfront scandal: The sledging of the criminals with this blatant act of ED (उत्तर प्रदेश) : अभी-अभी ‘उत्तर प्रदेश’ से ‘रिवरफ्रंट घोटाले’ को लेकर लेकर बड़ी खबर आई है. जिसके बाद इस घोटाले में शामिल लोगों की नींद उड़ी हुई है. सूत्रों की माने तो ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) की टीम ने उत्तर प्रदेश समेत एनी चार राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है. लखनऊ के विशालखंड में भी ईडी ने छापेमारी की.

सूत्रों की माने तो ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) टीम ने लखनऊ के गोमती नगर के विशालखंड में छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान इंजीनियरों और ठेकेदारों का पूरा घर की तलाशी ली गई. टीम ने राजाजीपुरम इलाके में इंजीनियरों, ठेकेदारों और कंपनी के गठजोड़ को लेकर छापेमारी की.
आपको बता दें कि सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारियों और ‘गैमन इंडिया कंपनी’ के अधिकारियों के आठ ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंची और घंटों तलाशी ली. ईडी ने इंजीनियरों व ठेकेदारों का घर खंगाला. ईडी की कार्यवाही से हड़कंप मच गया. दूसरी तरफ राजस्थान के भिवाड़ी में भी छापेमारी जारी है. इसके अलावा हरियाणा के गुरुग्राम और नोएडा के सेक्टर-62 स्थित ‘आईथम टॉवर’ में भी ईडी ने छापेमारी की है.
गोमती के 13 किमी लंबे किनारों का किया जाना था सौंदर्यीकरण
सूत्रों की माने तो इस प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ के बीचोंबीच बहने वाली ‘गोमती नदी’ के 13 किलोमीटर लंबे किनारों का सौंदर्यीकरण किया जाना था. शुरू में यह प्रोजेक्ट 656 करोड़ का था, जो बाद में बढ़कर 1513 करोड़ किया गया. राज्य सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस रकम का 95 फीसद यानी 1435 करोड़ खर्च होने के बावजूद सिर्फ 60 फीसद काम पूरा हो सका.
ऐसे होना था प्रोजेक्ट का विस्तार
इस प्रोजेक्ट में गोमती नदी के दोनों किनारों पर डायफ्रॅाम वॉल बननी थी और लैंडस्केपिंग करके खूबसूरत लॉन। परमानेंट और मौसमी फूलों की क्यारियां, साइकल ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक, वॉकिंग प्लाज़ा बनाया जाना था. इस प्रोजेक्ट के लिए फ्रांस से 45 करोड़ की लागत से एक फव्वारा मंगाया गया था जिसके चलने पर लेज़र लाइट के ज़रिए लखनऊ के मॉन्युमेंट्स की तस्वीर बनती. चार करोड़ की लागत से वॉटर बस भी आई थी जो घूमने वालों को लखनऊ की सैर कराती और फिर उन्हें गोमती नदी में भी सफर कराती.