27 जनवरी 2018 : भारत आज के समय मे पूरी दुनिया की सुर्खियो मे छाया हुआ है और सभी जानते है कि मोदी सरकार की मेहनत से ही ये संभव हो सका है हम आपको बता दे कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर ASEAN समूह के 10 देशों के राष्ट्रप्रमुखों को पीएम मोदी द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.

बता दे कि चीन के साथ इन सभी देशो के सम्बन्ध अच्छे नहीं है. इस समय एक खबर सामने आई है हर भारतवासी इस खबर को जानकर ख़ुशी से झूम उठेगा. बता दे कि इन देशों के समूह के साथ मिलकर भारत अब चीन को उसकी एक-एक हरकत का मुहतोड़ जवाब देगा. और इतने सारे देशो के सामने चीन को झुकना ही पड़ेगा.
इंडो-पैसिफिक में भारत निभाएगा मुख्य भूमिका
मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत आये अतिथि यानि ASEAN समूह के सभी 10 देशों के राष्ट्रप्रमुखों द्वारा तय करते हुए उन्होंने कहा है कि अब से भारत ही हमारी रणनीति तय करेगा और ‘इंडो-पैसिफिक’ समूह की मुख्य भूमिका भी भारत को निभाने के लिए कहा है. बता दे कि अब भारत इस 10 देशो के समूह के साथ चीन को सीधी चुनौती दे सकेगा.

हम आपको बता दे कि विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरन से एक संवाददाता सम्मेलन में जब पूछा गया कि क्या आसियान देशों के नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए ज्यादा मुखर भूमिका की वकालत की तो इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘हां ! भारत को ASEAN के सभी 10 नेताओं ने अपनी इस इच्छा से अवगत कराया है कि वह रणनीतिक तौर पर अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा मुख्य भूमिका निभाए. और बता दे कि ASEAN नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत के इस ऊँचे कद का पूरी तरह से समर्थन किया है.

हम आपको बता दें कि भारत-प्रशांत के क्षेत्र में चीन अपनी सेना को बढ़ा रहा है. इसलिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में आसियान देशों का लिया ये फैसला कि भारत 10 देशो के ओर से मुख्य भूमिका निभाए एक बड़ी अहमियत रखता है, बता दे कि चीन और आसियान के कई सदस्य देशों के बीच दक्षिण चीन सागर विवाद के मुद्दे पर विवाद बढता जा रहा हैं.
भारत-प्रशांत मोटे तौर पर हिंद महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्रों से संबंधित है. इसमें विवादित दक्षिण चीन सागर भी शामिल है, जहां वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस और ब्रुनेई, लगभग पूरे जलमार्ग पर चीन के दावे पर सवाल उठाते हैं. थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई आसियान के 10 सदस्य देश हैं. सरन का कहना है कि आसियान के सभी नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की इस भूमिका की तारीफ की है.