Take care of this special thing while worshiping Lord Shani (7 दिसंबर, 2018) : हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ‘भगवान शनिदेव’ को यम, काल, दु:ख, दारिद्रय तथा मंद कहा जाता है. जब भी इनका नाम आता है तो मन किसी अनिष्ट की आशंका से घबराने लगता है. किसी भी परेशानी, संकट, दुर्घटना, आर्थिक नुकसान के होने पर यह मान लेते है कि शनि की अशुभ साया पड़ गया है. ऐसे में भगवान शनिदेव को हमेशा प्रसन्न रखन चाहिए. शनिदेव प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा अर्चना करते हैं, परन्तु कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान आपको अवश्य रखना चाहिए. जिससे शनि की कुदृष्टि आप पर ना पड़ने पाएं. शनि की पूजा के लिए शास्त्रों में कुछ खास नियम बताए गए हैं.

पूजा के समय शनिदेव की आंखों में न देखें
अगर किसी भी व्यक्ति पर शनि की दृष्टि पड़ जाती है तो उसकी मुश्किलें बढ़ने लगती हैं. ऐसे समय में कभी भी भगवान शनिदेव की मूर्ति के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करना चाहिए. साथ ही पूजा में गलती से भी शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
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शनि पूजा में लाल रंग का न करें उपयोग
शनि की पूजा में कभी भी भूलकर लाल रंग के फूल या कोई सामाग्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लाल रंग मंगल का प्रतीक है और मंगल के साथ शनि की शत्रुता है. शनि की पूजा में हमेशा नीले या काले रंग का प्रयोग करना चाहिए.
पूजा के दौरान काला तिल ही चढ़ाएं
पूजा के दौरान शनिदेव को हमेशा काले तिल और खिचड़ी का ही भोग लगाएं. शनिदेव को काला तिल अर्पित करने पर व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों की छाया दूर हो जाती है.
हमेशा पश्चिम दिशा में करें पूजा
भगवन शनिदेव की पूजा करते समय दिशा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. शनि को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है इसलिए शनि की पूजा करते समय आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए.